Getting My Shiv chaisa To Work
Getting My Shiv chaisa To Work
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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
O Lord! I beseech Your assist and seel your divine blessing at this really moment. Help you save and secure me. Demolish my enemies with Your Trishul. Launch me in the torture of evil feelings.
Whosoever gives incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with love and devotion, enjoys material pleasure and spiritual bliss Within this earth and hereafter ascends for the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eradicated the suffering of all and grants them Everlasting bliss.
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में shiv chalisa in hindi लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी